गोरखपुर:आज दिनांक,07 अप्रैल,2023 को कुंवर मो. आजम खान ,राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मुस्लिम महासभा द्वारा प्रधानमंत्री,भारतसरकार को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी ग़ोरख़पुर को समलैंगिक विवाह के विरोध के संदर्भ में एक शिष्ट मण्डल के साथ मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। उक्त संदर्भ में मुस्लिम समाज की तरफ़ से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की ,भारतीय दृष्टि से और भारतीय शास्त्रों के अनुसार विवाह के विभिन्न उद्देश्य हैं, जिनमें सन्तानोत्पत्ति एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है, ऐसी स्थिति में समलैंगिक विवाह समाज में अस्वीकार्य है।
समलैंगिक विवाह भी इस्लाम में खुले तौर पर अस्वीकार्य है। क्योंकि यह मानवता और समाज के खिलाफ एक बुरा कार्य माना जाता है, जिसका समाज और परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। भारत में केवल पुरुष और महिला के बीच विवाह को कानूनी दर्जा दिया गया है। समलैंगिक विवाह का न केवल धार्मिक कारण होता है, बल्कि इस प्रकार के विवाह से समाज में अस्थिरता पैदा होती है। जो समाज और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है, जिस तरह से इस कुकृत्य को पश्चिमी देशों ने मान्यता दी है, उसे भारतीय समाज पर थोपना न केवल अनुचित होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति के लिए अभिशाप होगा।


यदि समलैंगिक विवाह को मान्यता मिल जाती है तो भारतीय संस्कृति को गंभीर सामाजिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
इसी वजह से मुस्लिम समाज के लोग समलैंगिक विवाह को अस्वीकार्य मानते हैं। इसलिए भारतीय मुस्लिम महासभा सरकार और सर्वोच्च न्यायालय से अपील करती है कि इस तरह के कानून को पारित करने से पहले इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए ताकि हजारों साल पुरानी भारतीय संस्कृति को बचाया जा सके। इस संदर्भ में भारतीय मुस्लिम महासभा भी माननीय राष्ट्रपति जी को भी ज्ञापन भेजेगी।
कुंवर मो. आजम खान राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मुस्लिम महासभा ।